किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा �
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा �